कभी रूठ कर कभी हँस कर
फिर कोई इजहार कर
कुछ जीत कर कुछ हार कर
फिर तू मुझे प्यार कर
#MindOfMine
speaking pen0271
कभी रूठ कर कभी हँस कर
फिर कोई इजहार कर
कुछ जीत कर कुछ हार कर
फिर तू मुझे प्यार कर
#MindOfMine
speaking pen0271
रंगमहल सी दुनियाँ अपनी
रंग ही इसका ख्वाब है
जितना रंग गिराओ इस पर
होती उतनी बेताब है
एक रंग गिरा दो ऐसा इस पर जो दिल का महताब है
खिल उठे अंजुमन फिर ऐसे
जहाँ मिले प्यार बेहिसाब है
एक रंग प्यार का ऐसा हो
जाति ,धर्म का भेद मिटाता हो
रंग जाये सभी एक ही रंग में
बस मानवता का नाता हो
उड़े रंग जो हवाओँ में
एक रंग अनोखा बनाता हो
इस अपरिमित स्वेत जगत में
रंग तीन दिखलाता हो
एक रंग प्यार का ऐसा हो
जो प्यार दिलों में लाता हो |
‘पंकज मिश्रा’
speaking pen0271
splashing colours, elated persons,
some enjoys and some funs;
it’s looking like crunchy buns,
hither and thither a person runs ;
most of all when a colour sprinkles,
all seems like one person
HAPPY HOLI… friends
#Holicelebrations
speaking pen0271
मैं हूँ क्या ….
इस निर्मम वन में अधखिली सी कली ,
या सदागामिनी कोई तटिनी ;
इस समंदर में पड़ी नौका कोई ,
मंज़िलों तक ले जाती हुई राह कोई ;
हर सफ़र में साथ देती तेरी सौगामिनी,
या निराशा के फलक को चीरती हुई रोशनी;
मैं हूँ तुम्हारे मुस्कराहट की वजह ,
या तुम्हारी व्यस्तता में एक कलह
क्या तुम्हारे जीवन पर मैं सिर्फ एक बोझ हूँ
या तुम्हारे इस निर्मम जीवन में जीवत्व की एक खोज हूँ
मैं हूँ क्या..
खुद को खुद में ढूँढती हुई
आकाश में उड़ने का कोई ख्वाब बुनती हुई
जब मैं ही हूँ इस जीवन जगत का आधार
फिर क्यूँ दिया जाता है मुझे जन्म से पहले ही मार
क्यूँ सरेराह कर दिया जाता है मेरी अस्मिता को तार- तार
मैं हूँ बसी हर रूह में एक माँ, बहन, बेटी के रूप में
बदल ले ए ज़माने तू अपनी सोच को
नहीं तो ढूंढते रह जाओगे एकदिन मुझे साये में धुप के
#पंकज मिश्रा
http://www.pankaj0271.wordpress.com
speaking pen0271